राजू चाचा का प्यार
पहला भाग - १
राजू चाचा मेरे परोस में रहते थे यही कोइ १७ - १८ साल के होंगे . उनका हमरे घर बराबर आना जाना लगा रहता था . मेरे पापा डॉक्टर थे उनका क्लिनिक काफी बारे था . और अक्सर वो मीटिंग के लिए और काम से बहार जाते रहते थे . और जब भी वो मीटिंग से बाहर जाते राजू चाचा हमरे घर हीं रहा करते थे . पापा अक्सर कहा करते थे माया राजू भले हीं हमरे घर जनम नहीं लिया है तो क्या अपने से भी बढ़ कर है . कभी अपनों की कमी नहीं होने देता है. हमेशा मदत के लिए तैयार रहता हैं .
माया - आप बिलकुल सही कह रहे हैं राज के पापा वर्ना आज कल ऐसे आदमी मिलते कहा हैं .
पापा - हाँ, अच्छा कल मुझे कुछ दिनों के लिए बहार जाना है तुम ने राजू को बोला है न की यहीं रह जाये ग तुम्हारे पास.
माया - में तो भूल हीं गयी , अच्छा है जो आपने याद दिल दिया . कल राजू आएगा तो बोल दूंगी .
फिर दोनों सोने चले गए . और अगली सुबह मेरे सो के उठने से पहले हीं पापा जा चुके थे . और जब में फ्रेश होकर बाहर लीविंग रूम में आया तो देखा राजू चाचा और माँ बैठ के न्यूज़ देख रहे थे.
न्यूज़ पर किसी लड़की के गैंग रपे के बारे मई बता रहा था . तभी मेरे मुंह से अचानक निकल गया ..
राज - माँ ये गैंगरेप काया होता है ??
माँ ये सुन के दांग रह गयी उन्हों ने सोचा नहीं था की में ये पूछ दूंगा .. तब राजू चाचा ने बात को सम्भाला और बोला - बेटा जब बारे लोग एकसाथ प्यार करते है तो उसे गैंगरेप कहते हैं .. जब तुम बारे हो जाओगे तो समझ जावो गए.
राज : - में जब बड़ा हो जाऊंगा तो में भी गैंगरेप करूँगा आप दोनों के साथ और पापा को भी बोलंगे की हमें ढेर प्यार करें .
माँ ये सुन के पसीने पसीने होने लगी और उनकी सांसे तेज चलने लगी .
माँ - ये क्या बकवास कर रहा है तू .
राज : राजू चाचा ने हीं तो कहा की बारे लोग जब प्यार करते हैं तो उसे गैंगरेप कहते हैं. राजू ने बात को सँभालते हुए कहा -- कोइ नहीं बेटा कर लेना ... भाभी जी जाने दीजिये ना .. अभी बच्चा है .. तभी बहार से सलीम की आवाज आई .. अरे राज आज क्रिकेट खेलने नहीं जाना है क्या .. चल जल्दी से आज .. आज बड़ा मैच हैं .. शाम हो जाएगी .. आजा .. फिर me तेजी से बहार निकल गया ...
माँ - अरे राज कुछ खा तो ले .. पता नहीं फिर कब आएगा ...
राजू - अरे सलीम तुम राज का धयान रखना और पहले कुछ खा कर हीं मैच खेलने जाना ..
सलीम - अरे राजू भाई आप चिंता न करो .. ये तो हमरा स्टार खिलाडी है.. मई ध्यान रखूँगा .. और फिर दोनों तेजी से बाहर निकल गए ..
माँ - अरे राजू अच्छा है जो तुमने बात को सम्हाल लिया वर्ना मुझे तो समझ हीं नहीं आ रहा था की काया बोलूं .. और माँ की साँसे अभी भी तेज तेज चल रही थी जिसके कारण उनका बूब्स ऊपर नचे हो रहे थे ... उनके दुधु का साइज ३६ D है ..
राजू - भाभी आप भी ना... कह देते की जब एक लण्ड आपके बुर में और एक गाण्ड में पेलता है और तो लौंडे दोनों हाथो में लेके कोई चूूत मरवाता है तो उसे गैंगबैंग कहते हैं और ... इतना कहके राजू ने एक जोर से छूटीं माँ के पेट मई काटी ...
माँ - अचानक से चीला उठी मम्मी रे.. मार दिया .. .तूने ... और ये कयोँ भूल गया एक मुह में भी तो ले सकती हूँ ... कह के माँ हसने लगी ...
राजू - हाँ रंडी ... साली तुझे तो पूरा मोहला भी पेले तो भी कम परे... भोसरी के बाते तो बरी बरी करती है और जब लौंडा लेने की बरी आती है तो माँ चूदाने.. चली जाती है ... राजू ने गुसे में कहा ...
माँ - अरे मेरे राजा मेरे मालिक .. तू कहे तो सरे पाकिस्तान से चूदा लूँ .. तू नाराज क्योँ हो रहा है .. कहते हुए माँ ने राजू को किस्स्स करना चाहा .
तभी राजू पीछे है गया .. और एक जोरदार थापर माँ के गांड में मारा ... साली .. कुत्तिया तुझे मालुम भी है .. एक भी अगर मिलगया न तो तुझे गैंगबैंग की जरुरत नहीं पड़ेगी ... पेल पेल के देरी गांड को गुफा और चुूत को बंगाल की खाड़ी ... समझी रंडी ..
माँ - अच्छा समय आने पर देख लुंगी की कौन हारता है और कौन जीतता है .. कहते हुए .. माँ ने राजू के पैर पाकर लिए और बोली ... प्लीज जान एक बार जाम के चोूद दो .. प्लीज कई महीनो से तरपा रही हूँ ... गांडू डॉक्टर को मेरी कोइ पीकर हैं नहीं है..
राजू - अरे मेरी जान तुम कयोँ चिंता कर रही हो में हूँ ना .. तुम्हरी कुटाई करने और करवाने के लिए ... (तू हीं तो मेरी सोने की अंडे देने वाली रंडी हो.. राजू ने मन में कहा )
माँ - हां मेरे मालिक करो मेरी कुटाई ... मेरे चुूत में कीड़े चल रहे हैं... कह के माँ जमीन पर लेट गयी ... और अपने चुूत को ऊपर उठा लिया ..
साड़ी होने के कारन कुछ दिखाई नहीं पर रहा था .. तभी .. राज ने साडी के अंदर से हीं अपना लम्बा हाथ अंदर दाल ... और घप से उसका मिडिल फिंगर माँ की चुूत में चला गया ...
उ इ इ इ इ माँ ... ये काया कर रहे हो ... माँ ने कहा ..
राजू - साली पूरी पनिया गयी है ... देख कैसे मेरी उंगली अंदर बाहर जा रही है ... और कहा के राजू तेजी से अपना उंगली अंदर पहर करने लगा ...
माँ - ओह्ह मालिक .. प्लीज ... रहम करो... अब बर्दास्त नहीं होता.. उस छिनार का गैंगबैंग न्यूज़ देख कर मुझे भी गर्मी चढ़ गयी .. प्लीज पेलो ना ... पेलो .. और जोर से .. ओह्ह पेलो ...
राजू - तुम जैसी रंडी को कैसे चोदना चाहिए ये मुझे अच्छी तरह से आता है ... तुम को जब तक दर्द ना मिले किरा नहीं मरता ..
और इससे पहले माँ कुछ समझ पाती ..माँ को उल्टा किया और राजू ने अपने १३ इंच लम्बा और ६ इंचा मोटा लण्ड माँ की गाण्ड में पेल दिया ...
उ इ इ इ इ माँ मार डाला .. निकाल अपना हथियार मेरी गांड से हरामजादे ... आज जान लेके हीं छोरेगए काया ... कह के माँ के आँखों से असून आने लगे ...
राजू - साली कूत्तिया अब तू मुझे सिखाएगी .. तेरी औकात क्या है .. मेरी रखैल है तू .. मेरी गुलाम सुवर की जनि .. समझी .. अभी ये तो कुछ नहीं देख तेरा काया हाल करता हूँ .. इन सात दिनों में .. बहुत चर्बी चढ़ गयी है ना तुझे ... अगर गली के हर एक कुतो से ना चुूदी तो मेरे भी नाम नहीं राजू ...कह के राजू ने निचे से एक जोरदार झटका अपने हाथ को आगे की तिन उँगलियोँ को गोल करके दिया .. और फ़क की तेज आवाज से उसका बयां हाथ माँ के चुूत में चला गया ...
अचानक हुए इस हमले के लिए माँ तैयार नहीं थी और चुूत में उंगली जाने से माँ जोर से उछली और इसी मौके के तलाश में तो था राजू ... एक जोर दर झटका दिया और उसका पूरा लण्ड माँ की गांड में अंदर तक जा चूका था ... माँ की गांड की किनारों से खून अने लगा ...
माँ - माफ कर दो मालिक मुझसे गलती हो गयी ... में अपना औकात भूल गयी थी ... ये पूरा सरीर आप का हीं है .. आप जो चाहो करो.. कह के माँ रोने लगी ...
राजू - आ गयी ना अपनी औकात में रंडी ... एक्चुअली ये तेरी गलती नहीं है .. बहुत दिनों से तेरी कुटाई नहीं हुई है ना तो कुछ ज्यादा हीं गर्मी चढ़ गयी है .. और इतना कहते हुए राजू ने अपना लण्ड बहार निकाला और एक जोरदार धका पिर से मारा.. और लण्ड फ़क से फिर अंदर जाके बैठ गया ....
माँ - हय ..हाय मार दिया मेरे मालिक ने ... और इतना कहते हुए .. माँ अपना गांड आगे पीछे करने लगी.... और मरो मेरे मालिक सरे कीरो को मरो ... जो मेरी गांड में कुलबुलि मचा रहे हैं ...
राजू के दमदार लण्ड की वॉर से माँ के गांड की खुजली अब मिटने लगी थी ... और माँ को भी अब मजा अने लगा था ...
पहला भाग - १
राजू चाचा मेरे परोस में रहते थे यही कोइ १७ - १८ साल के होंगे . उनका हमरे घर बराबर आना जाना लगा रहता था . मेरे पापा डॉक्टर थे उनका क्लिनिक काफी बारे था . और अक्सर वो मीटिंग के लिए और काम से बहार जाते रहते थे . और जब भी वो मीटिंग से बाहर जाते राजू चाचा हमरे घर हीं रहा करते थे . पापा अक्सर कहा करते थे माया राजू भले हीं हमरे घर जनम नहीं लिया है तो क्या अपने से भी बढ़ कर है . कभी अपनों की कमी नहीं होने देता है. हमेशा मदत के लिए तैयार रहता हैं .
माया - आप बिलकुल सही कह रहे हैं राज के पापा वर्ना आज कल ऐसे आदमी मिलते कहा हैं .
पापा - हाँ, अच्छा कल मुझे कुछ दिनों के लिए बहार जाना है तुम ने राजू को बोला है न की यहीं रह जाये ग तुम्हारे पास.
माया - में तो भूल हीं गयी , अच्छा है जो आपने याद दिल दिया . कल राजू आएगा तो बोल दूंगी .
फिर दोनों सोने चले गए . और अगली सुबह मेरे सो के उठने से पहले हीं पापा जा चुके थे . और जब में फ्रेश होकर बाहर लीविंग रूम में आया तो देखा राजू चाचा और माँ बैठ के न्यूज़ देख रहे थे.
न्यूज़ पर किसी लड़की के गैंग रपे के बारे मई बता रहा था . तभी मेरे मुंह से अचानक निकल गया ..
राज - माँ ये गैंगरेप काया होता है ??
माँ ये सुन के दांग रह गयी उन्हों ने सोचा नहीं था की में ये पूछ दूंगा .. तब राजू चाचा ने बात को सम्भाला और बोला - बेटा जब बारे लोग एकसाथ प्यार करते है तो उसे गैंगरेप कहते हैं .. जब तुम बारे हो जाओगे तो समझ जावो गए.
राज : - में जब बड़ा हो जाऊंगा तो में भी गैंगरेप करूँगा आप दोनों के साथ और पापा को भी बोलंगे की हमें ढेर प्यार करें .
माँ ये सुन के पसीने पसीने होने लगी और उनकी सांसे तेज चलने लगी .
माँ - ये क्या बकवास कर रहा है तू .
राज : राजू चाचा ने हीं तो कहा की बारे लोग जब प्यार करते हैं तो उसे गैंगरेप कहते हैं. राजू ने बात को सँभालते हुए कहा -- कोइ नहीं बेटा कर लेना ... भाभी जी जाने दीजिये ना .. अभी बच्चा है .. तभी बहार से सलीम की आवाज आई .. अरे राज आज क्रिकेट खेलने नहीं जाना है क्या .. चल जल्दी से आज .. आज बड़ा मैच हैं .. शाम हो जाएगी .. आजा .. फिर me तेजी से बहार निकल गया ...
माँ - अरे राज कुछ खा तो ले .. पता नहीं फिर कब आएगा ...
राजू - अरे सलीम तुम राज का धयान रखना और पहले कुछ खा कर हीं मैच खेलने जाना ..
सलीम - अरे राजू भाई आप चिंता न करो .. ये तो हमरा स्टार खिलाडी है.. मई ध्यान रखूँगा .. और फिर दोनों तेजी से बाहर निकल गए ..
माँ - अरे राजू अच्छा है जो तुमने बात को सम्हाल लिया वर्ना मुझे तो समझ हीं नहीं आ रहा था की काया बोलूं .. और माँ की साँसे अभी भी तेज तेज चल रही थी जिसके कारण उनका बूब्स ऊपर नचे हो रहे थे ... उनके दुधु का साइज ३६ D है ..
राजू - भाभी आप भी ना... कह देते की जब एक लण्ड आपके बुर में और एक गाण्ड में पेलता है और तो लौंडे दोनों हाथो में लेके कोई चूूत मरवाता है तो उसे गैंगबैंग कहते हैं और ... इतना कहके राजू ने एक जोर से छूटीं माँ के पेट मई काटी ...
माँ - अचानक से चीला उठी मम्मी रे.. मार दिया .. .तूने ... और ये कयोँ भूल गया एक मुह में भी तो ले सकती हूँ ... कह के माँ हसने लगी ...
राजू - हाँ रंडी ... साली तुझे तो पूरा मोहला भी पेले तो भी कम परे... भोसरी के बाते तो बरी बरी करती है और जब लौंडा लेने की बरी आती है तो माँ चूदाने.. चली जाती है ... राजू ने गुसे में कहा ...
माँ - अरे मेरे राजा मेरे मालिक .. तू कहे तो सरे पाकिस्तान से चूदा लूँ .. तू नाराज क्योँ हो रहा है .. कहते हुए माँ ने राजू को किस्स्स करना चाहा .
तभी राजू पीछे है गया .. और एक जोरदार थापर माँ के गांड में मारा ... साली .. कुत्तिया तुझे मालुम भी है .. एक भी अगर मिलगया न तो तुझे गैंगबैंग की जरुरत नहीं पड़ेगी ... पेल पेल के देरी गांड को गुफा और चुूत को बंगाल की खाड़ी ... समझी रंडी ..
माँ - अच्छा समय आने पर देख लुंगी की कौन हारता है और कौन जीतता है .. कहते हुए .. माँ ने राजू के पैर पाकर लिए और बोली ... प्लीज जान एक बार जाम के चोूद दो .. प्लीज कई महीनो से तरपा रही हूँ ... गांडू डॉक्टर को मेरी कोइ पीकर हैं नहीं है..
राजू - अरे मेरी जान तुम कयोँ चिंता कर रही हो में हूँ ना .. तुम्हरी कुटाई करने और करवाने के लिए ... (तू हीं तो मेरी सोने की अंडे देने वाली रंडी हो.. राजू ने मन में कहा )
माँ - हां मेरे मालिक करो मेरी कुटाई ... मेरे चुूत में कीड़े चल रहे हैं... कह के माँ जमीन पर लेट गयी ... और अपने चुूत को ऊपर उठा लिया ..
साड़ी होने के कारन कुछ दिखाई नहीं पर रहा था .. तभी .. राज ने साडी के अंदर से हीं अपना लम्बा हाथ अंदर दाल ... और घप से उसका मिडिल फिंगर माँ की चुूत में चला गया ...
उ इ इ इ इ माँ ... ये काया कर रहे हो ... माँ ने कहा ..
राजू - साली पूरी पनिया गयी है ... देख कैसे मेरी उंगली अंदर बाहर जा रही है ... और कहा के राजू तेजी से अपना उंगली अंदर पहर करने लगा ...
माँ - ओह्ह मालिक .. प्लीज ... रहम करो... अब बर्दास्त नहीं होता.. उस छिनार का गैंगबैंग न्यूज़ देख कर मुझे भी गर्मी चढ़ गयी .. प्लीज पेलो ना ... पेलो .. और जोर से .. ओह्ह पेलो ...
राजू - तुम जैसी रंडी को कैसे चोदना चाहिए ये मुझे अच्छी तरह से आता है ... तुम को जब तक दर्द ना मिले किरा नहीं मरता ..
और इससे पहले माँ कुछ समझ पाती ..माँ को उल्टा किया और राजू ने अपने १३ इंच लम्बा और ६ इंचा मोटा लण्ड माँ की गाण्ड में पेल दिया ...
उ इ इ इ इ माँ मार डाला .. निकाल अपना हथियार मेरी गांड से हरामजादे ... आज जान लेके हीं छोरेगए काया ... कह के माँ के आँखों से असून आने लगे ...
राजू - साली कूत्तिया अब तू मुझे सिखाएगी .. तेरी औकात क्या है .. मेरी रखैल है तू .. मेरी गुलाम सुवर की जनि .. समझी .. अभी ये तो कुछ नहीं देख तेरा काया हाल करता हूँ .. इन सात दिनों में .. बहुत चर्बी चढ़ गयी है ना तुझे ... अगर गली के हर एक कुतो से ना चुूदी तो मेरे भी नाम नहीं राजू ...कह के राजू ने निचे से एक जोरदार झटका अपने हाथ को आगे की तिन उँगलियोँ को गोल करके दिया .. और फ़क की तेज आवाज से उसका बयां हाथ माँ के चुूत में चला गया ...
अचानक हुए इस हमले के लिए माँ तैयार नहीं थी और चुूत में उंगली जाने से माँ जोर से उछली और इसी मौके के तलाश में तो था राजू ... एक जोर दर झटका दिया और उसका पूरा लण्ड माँ की गांड में अंदर तक जा चूका था ... माँ की गांड की किनारों से खून अने लगा ...
माँ - माफ कर दो मालिक मुझसे गलती हो गयी ... में अपना औकात भूल गयी थी ... ये पूरा सरीर आप का हीं है .. आप जो चाहो करो.. कह के माँ रोने लगी ...
राजू - आ गयी ना अपनी औकात में रंडी ... एक्चुअली ये तेरी गलती नहीं है .. बहुत दिनों से तेरी कुटाई नहीं हुई है ना तो कुछ ज्यादा हीं गर्मी चढ़ गयी है .. और इतना कहते हुए राजू ने अपना लण्ड बहार निकाला और एक जोरदार धका पिर से मारा.. और लण्ड फ़क से फिर अंदर जाके बैठ गया ....
माँ - हय ..हाय मार दिया मेरे मालिक ने ... और इतना कहते हुए .. माँ अपना गांड आगे पीछे करने लगी.... और मरो मेरे मालिक सरे कीरो को मरो ... जो मेरी गांड में कुलबुलि मचा रहे हैं ...
राजू के दमदार लण्ड की वॉर से माँ के गांड की खुजली अब मिटने लगी थी ... और माँ को भी अब मजा अने लगा था ...